Friday, August 26, 2011



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वंदना


हे कृपानिधान ; करुना की खान ,
तुझमे है अद्भुत ; शक्ति -ज्ञान .
तुझसे ही चलता ; ये सरसती -यान ,
तुझमे ही समाहित ; विश्व -महान .




सूर्य बन ; इस वसुंधरा को ,
करता तू ही ; देदीप्यमान .
मेघ बन ; निज कालिमा से ,
धक् लेता ; तू ही आसमान .




दया ,क्षमा ; करुना ; के सागर
तू है अपरमित ; गुणों  की खान .
मई अनुरागी ; विवेकहीन नर
कैसे करू ; तेरा बखान


.
हो हमारी ; अनुरक्ति तुझमे ,
करू मै ; तेरा ही गुणगान
ऐसी मुझको ; शक्ति दे प्रभु ,
जपु सदा ; तेरा ही नाम .
,


.........................................
.
,
.

10 comments:

  1. "ऐसी मुझको; शक्ति दे प्रभु ,
    जपु सदा; तेरा ही नाम"

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  2. हो हमारी ; अनुरक्ति तुझमे ,
    करू मै ; तेरा ही गुणगान
    ऐसी मुझको ; शक्ति दे प्रभु ,
    जपु सदा ; तेरा ही नाम

    bahut khubsurat vandana , sunder bhavo ke saath.............aabhar

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  3. सुशीला जी, शायद आपने ब्‍लॉग के लिए ज़रूरी चीजें अभी तक नहीं देखीं। यहाँ आपके काम की बहुत सारी चीजें हैं।

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  4. भावपूर्ण चित्रण.बहुत सुन्दर प्रस्तुति.आभार!

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  5. ye word verification hata dijiye
    is se log irritate ho jate hain, comment karne me...

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  6. ♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
    ♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥
    ♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥


    सूर्य बन ; इस वसुंधरा को ,
    करता तू ही ; दैदीप्यमान
    मेघ बन ; निज कालिमा से ,
    ढक लेता ; तू ही आसमान

    दया ,क्षमा , करुणा के सागर
    तू है अपरमित ; गुणों की खान
    मैं अनुरागी ; विवेकहीन नर
    कैसे करूं तेरा बखान

    बहुत सुंदर !

    आदरणीया डॉ.सुशीला जी
    आपकी लेखनी ने आनंदित कर दिया ...


    # आशा है सपरिवार स्वस्थ सानंद हैं
    नई पोस्ट बदले हुए बहुत समय हो गया है …
    आपकी प्रतीक्षा है सारे हिंदी ब्लॉगजगत को …
    :)

    हार्दिक मंगलकामनाएं !
    मकर संक्रांति की अग्रिम शुभकामनाओं सहित…

    राजेन्द्र स्वर्णकार
    ◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤◥◤

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  7. http://www.bhannaat.com/2016/06/abdul-kalaam-childhood-story-in-hindi.html

    बहुत अच्छा लिखती हैं आप, परन्तु हिन्दी में गलतियाँ कर दी हैं आपने बहुत सारी...

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