Tuesday, December 14, 2010

मुझे तो बस अपना , वतन चाहिए |



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  कोई कहता है हमको,रतन चाहिए       
कोई कहता है हमको, धन चाहिए |


कोई कहता है हमको, कफ़न चाहिए
कोई कहता है हमको,वसन चाहिए |


कोई कहता है हमको,सनम चाहिए
कोई कहता है हमको,भजन चाहिए  |


कोई कहता है हमको,तपन चाहिए
कोई कहता है हमको,अमन चाहिए |


कोई कहता है हमको,दुर्जन  चाहिए
कोई कहता है हमको,सुजन  चाहिए |


पर मुझे तो बस अपना ,वतन चाहिए
खिलाता है आगे भी,खिलाता रहे जो |


ऐसा ही एक समूचा,चमन चाहिए
शहीदों की श्रद्धा में, झुक जाए जो सर |


ऐसे ही सिर का,नमन चाहिए,
मुझे तो बस अपना , वतन चाहिए |
                 

                                                    इति  
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Thursday, December 2, 2010

jeevan ka moolya

                                                        
जीवन   का  मूल्य 


       




    
क्यूँ   करते  हो  छह  किसी  की 

कौन  तुम्हे  मिल   जाएगा   ,

सारा  जीवन  तिल -तिल जलकर 

एक  दिन  पूरा  जल  जाएगा  .


फिर  भी  दुनिया  वालों  को 

तुम  पर  तरस  न  आएगा ,

हँसते  है  ये  हँसते रहेंगे   

तू   ही  रोता  जाएगा .


मान  ले  अब  भी मेरा   कहना 

नहीं  तो  फिर पछताएगा ,

है अमूल्य  यह  मानव   जीवन

फिर न लौट  के  आएगा .



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