Friday, August 26, 2011



images

वंदना


हे कृपानिधान ; करुना की खान ,
तुझमे है अद्भुत ; शक्ति -ज्ञान .
तुझसे ही चलता ; ये सरसती -यान ,
तुझमे ही समाहित ; विश्व -महान .




सूर्य बन ; इस वसुंधरा को ,
करता तू ही ; देदीप्यमान .
मेघ बन ; निज कालिमा से ,
धक् लेता ; तू ही आसमान .




दया ,क्षमा ; करुना ; के सागर
तू है अपरमित ; गुणों  की खान .
मई अनुरागी ; विवेकहीन नर
कैसे करू ; तेरा बखान


.
हो हमारी ; अनुरक्ति तुझमे ,
करू मै ; तेरा ही गुणगान
ऐसी मुझको ; शक्ति दे प्रभु ,
जपु सदा ; तेरा ही नाम .
,


.........................................
.
,
.